योगा को बनाओ जीवन का अहम अंग
अक्सर बच्चे खेल-कूद एवं गतिविधियां में अधिक व्यस्त रहते हैं जो कि उनके स्वास्थ्य रहने के लिए महत्वपूर्ण भी है बच्चों की शारीरिक विकास की बात हो या मानसिक अक्षमता को विकसित करने का उद्देश्य दोनों अव्यवस्थाओं में बच्चों के लिए योग बेहद महत्वपूर्ण होता है जो माता पिता अपने बच्चों का क्रमिक विकास चाहते हैं उन्हें योग को बच्चों के लिए अनिवार्य कर देना चाहिए बच्च अपने शरीर में नियमित अभ्यास से अपने शरीर में लोच लचक पैदा कर उच्च अभ्यास को भी आसानी से कर सकते हैं बच्चों के लिए योग की बात हो रही है या वयस्कों के लिए सच्चाई तो यह है कि प्रतिदिन योगाभ्यास करने से शरीर के सभी अंग सुचारू रूप से कार्य करने लगते हैं सिमरन शक्ति बढ़ती है लंबाई बढ़ती है दृष्टि दोष दूर करके जैसे कि शरीर एवं मानसिक आवश्यकताओं को पूरा करने का सबसे अच्छा माध्यम पूर्ण योग शिक्षा ही है।
बच्चों के लिए योग की बात तो सबसे पहले बच्चों को यौगिक सूक्ष्म व्यायाम योगिक स्थूल व्यायाम समूह की क्रिया को एवं ऊर्जा उत्पादक विशेष आसन वह क्रियाओं को लगभग 2 से 6 महीने तक सीखना चाहिए ऐसा करने से शरीर में सुस्ती एक नई ताजगी व सुधरता आएगी एवं बच्चों की योग में रुचि भी बढ़ेगी इसके अलावा कर्मा से हल्के-फुल्के योग अनुलोम विलोम प्राणायाम भरवारी प्रणाम एवं योग निद्रा के अभ्यास से बच्चों अपने अंदर एक नई आत्मा विश्वास पैदा कर सकते हैं जो बच्चे भविष्य के लिए उपलब्धि से कम नहीं होंगे बच्चों के लिए योग के लिए चाहिए कि स्वयं बच्चे या उनके माता-पिता उन्हें अनुकूलता अनुसार अपने लिए योग अभ्यास हेतु तैयार करवाना एवं नियमित अभ्यास के कला को आत्मसात करने की कोशिश करें
महिलाओं के लिए योग की बात करते तो हम पाए गए की महिला अपने स्वास्थ्य के लिए सबसे ज्यादा चिंतित रहती है अधिकतर महिला मानती है कि उन्हें कोई न कोई बीमारी लगी रहती है बहुत कम महिला अपने आप को पूर्ण स्वस्थ मानती है आज महिलाओं का जीवन पहले की अपेक्षा काफी बदल चुका है क्योंकि पहले की स्त्रियां सुबह से शाम तक घरों के काम में लगी रहती थी किस कारण अनजाने में ही योग की प्रक्रिया हो जाया करती थी जैसे सूर्य उदय से पहले उठना झाड़ू लगाना साफ सफाई करना पानी भरना अनाज को साफ करना भोजन को तैयार करना चक्की चलाना दही भल्ले मक्खन निकाल कर भी बनाना इत्यादि उन्हें ऐसे काम कामों में व्यस्त रहना होता था एवं इसी कारण दिन भर की थकान की वजह से रात्रि को नींद भी अच्छी आती थी परंतु आज का वातावरण परिवेश एवं परिस्थिति बदल गई है आज की महिला नौकरी एवं व्यवसाय को संभालने लगी है अतः घरों से उनका काम करने की जिम्मेदारी नौकर चक्रों एवं विद्युत मशीनों ने ले ली है साथ ही और भी कई कारण आज प्रकट हो गए हैं इसलिए आज महिला को कहीं बीमारी बहुत जल्दी घेर लेती है जैसे मोटापा कमर दर्द मानसिक तनाव इत्यादि इसलिए इन सब समस्याओं के निजात पाने के लिए बच्चों के लिए योग्य सामान ही महिलाओं के लिए भी योग बेहद जरूरी हो जाता है योगाभ्यास ही एक ऐसा माध्यम है जो महिलाओं को पूर्ण स्वास्थ्य के साथ सुंदरता प्रदान करता है अतः नियमित रूप से प्रतिदिन गण एक घंटा योगा एवं प्रणाम के लिए निकालना अति आवश्यक हो गया है
ऑफिस में काम करने वाले व्यक्ति स्वयं थोड़ा सा परिवर्तन लाकर स्वास्थ्य रह सकते हैं इसके लिए उन्हें नियमित टिप्स अपनाने की आवश्यकता हो सकती है कार्यालय में पहुंचते ही मानसिक रूप से तरोताजा महसूस कर और मुस्कुराते हुए कुर्सी पर बैठे मेरुदंड सीधा रहे एवं आंख बंद कर ओम का या अपने इष्ट का उच्चारण करें पांच बार लंबी गहरी सांस ले वह छोड़े इसके बाद आत्मशक्ति के साथ कार्य करने हेतु तैयार हो जाए क्योंकि टेबल कुर्सी में काम कर करने से मेरुदंड गर्दन आंख और मस्तिष्क पर अधिक जोर पड़ता है अतः कुर्सी पर बैठने के तरीके में परिवर्तन लाए मेरुदंड सीधा रखें गर्दन झुका कर काम करने से गर्दन में विकार उत्पन्न हो सकता है इसलिए कुर्सी पर बैठे बैठे ही डिलीवर शक्ति विकसित क्रिया को 2 से 5 मिनट करें आंखों के लिए दृष्टि विधायक क्रियाओं की आवश्यक करें एवं मानसिक विकास के लिए योग निद्रा ध्यान योग एवं परिणाम को नियमित रूप से प्रातः काल में करें सुबह एक घंटा का समय निकालें सबसे पहले सरल अभ्यास से शुरू करें और बाद में नियमित योग आसन किए जा सकते हैं
